जयपुर। रेप के मामले में पिछले साढ़े तीन साल से जेल में बंद राजस्थान के पूर्व डेयरी मंत्री बाबूलाल नागर को सोमवार के दिन एडीजे कोर्ट-2 ने बरी कर दिया है। कोर्ट ने लम्बी सुनवाई के बाद 17 जनवरी को मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला सुनाया गया है।कांग्रेस सरकार में कद्दावर नेता बाबूलाल नागर को सीबीआई ने महिला के साथ नौकरी का झांसा देकर रेप करने के मामले में 25 अक्टूबर 2013 में गिरफ्तार किया था। तब से नागर जेल में बंद थे।इस मामलें में नागर ने कई बार कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिलकिया लेकिन उन्हें अभी तक जमानत नहीं मिल पाई थी। जयपुरजिले की एडीजे-2 कोर्ट ने 17 जनवरी को लम्बी सुनवाई पूरी कर ली है, वहीं फैसले का दिन 30 जनवरी तय किया है।बाबूलालनागर गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल में केबिनेट मंत्री बनाए गए थे। 13 सितबंर 2013 को इस्तगासे के जरिए नागर पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया था। कोर्ट के निर्देशानुसार विधायक और मंत्री होने के नाते इस मामले की जांच सीआईडीसीबी को सौंपी गई थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार की अनुशंसा पर मामला सीबीआई को रेफर कर दिया।सीबीआई ने 9 अक्टूबर को मामला दर्ज करते हुए छानबीन शुरू करते हुए 10 अक्टूबर को बाबूलाल नागर को हिरासत में लिया। 15 दिन तक लंबी पूछताछ के बाद सी बी आई ने नागर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।जेल भेजे जाने के बाद बाबूलाल नागर को मंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा। इसके बाद नागर को कांग्रेस ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी से बाहर कर दिया था।यह था पूरा मामला-पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज बयान के मुताबिक रेप पीड़िता को नागर ने 11 सितम्बर 2013 को अपने सरकारी आवास पर उसके परिचित को नौकरी लगाने के बहाने बुलाया था और वहां उससे जबरन बलात्कार किया।इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाहों के बयान हुए वहीं बचाव पक्ष की ओर से 13 गवाहों के बयान दर्ज हुए। बचाव पक्ष के वकील पुरूषोत्तम बनवाड़ा के मुताबिक 2 जनवरी 2017 से 12 जनवरी तक कोर्ट में बचाव पक्ष की दलीलों पर सुनवाई की गई और 16 जनवरी से 17 जनवरी तक सीबीआई की तरफ से अंतिम बहस की गई।जज प्रहलाद राय शर्मा ने पूरे मामले में फैसला सुरक्षित रखा था और आज नागर को बरी करने के आदेश दिए हैं।
No comments:
Post a Comment