आयकर विभाग द्वारा 1400 लोगों की जांच शुरू..

लखनऊ। बाजारों में काले धन को सफेद करने का गोरखधंधा भले ही पकड़ से बाहर हो, लेकिन बैंकों में जमा कराई गई मोटी रकम के जरिए काला धन पकड़ में आने लगा है। आयकर विभाग ने भी सूचनाओं पर चौतरफा कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल प्रदेश के उन करीब 1400 लोगों की जांच की जा रही है, जिन्होंने आठ नवंबर के बाद बैंक में कुल एक करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किए हैं। ऐसी ही जांच के दौरान लखनऊ में एक ज्वैलर्स के यहां 11.87 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पकड़ी गई, जबकि गाजीपुर में एक परचून दुकानदार द्वारा जन धन खाते में 27 लाख रुपये जमा किए जाने ने भी चौंका दिया है।
लोग परेशान हैं कि बैंक में ढाई लाख रुपये से ज्यादा जमा किए तो आयकर विभाग सवाल पूछेगा, जबकि आयकर अधिकारी इतनी बड़ी संख्या में बैंक खातों में बड़ी रकम जमा होते देख हलकान हैं। इसीलिए आयकर विभाग ने तय किया है कि सबसे पहले उन बैैंक खातों की पड़ताल की जाएगी, जिनमें एक करोड़ या उससे ज्यादा जमा हुआ है। विभाग के पास प्रदेश के ऐसे करीब 1400 खातों का ब्योरा आ चुका है। इन्हीं में से एक लखनऊ में गोमतीनगर स्थित भगतराम ज्वैलर्स का भी खाता था। आठ नवंबर के बाद दो-तीन बार में इस खाते में कुल 11.87 करोड़ रुपये जमा किए गए। आयकर की टीम गुरुवार को यहां पहुंची तो इस रकम का सच खुल गया।आयकर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ज्वैलर्स ने बैैक डेट में दो नवंबर से बढ़ी हुई बिक्री दिखाई है। खास बात यह कि 30 अक्टूबर को दीपावली और इससे पहले धनतेरस पर भी इतना सोना नहीं बिका, जितना दीपावली के तुरंत बाद कागजों में दिखा दिया गया। ज्वैलर्स ने करोड़ों का सोना बेचा, लेकिन खरीदारों का विवरण उसके पास नहीं मिला। सबको दो लाख रुपये से कम की बिलिंग दिखाई गई, जिससे न पैन कार्ड की जरूरत पड़ी और न खरीदारों में किसी की कोई आइडी मिली। आयकर अधिकारियों ने जमा की गई रकम के किसी और का काला धन होने की आशंका जताई है। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में 85 फीसद तक आयकर व जुर्माना वसूला जा सकता है।

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