एक लाख लेकर पहुंचा भिखारी..

देवास । भिखारी बोला - साहब, ये गड्डियां बदल दो केंद्र सरकार की 1000 व 500 की मंगलवार को नोट बंद करने की घोषणा ने यहां से 10 किलोमीटर दूर सिया गांव में एक नेत्रहीन भिखारी दंपती को बेचैन कर दिया। इसके बाद वे पैसा लेकर सरपंच ईश्वर सिंह के पास पहुंचे। सरपंच के पास पहुंच कर उन्होंने 500-1000 के नोटों की 1 लाख 7 हजार रुपये की गड्डियां टेबल पर रख दीं और कहा कि साहब, हमारा ये पैसा बदलवा दो। भिखारी दम्पत्ति के पास इतना पैसा देखते ही सरपंच भी हैरान रह गया। सीताराम नाम का ये बुजुर्ग बार बार उनसे नोट बदलने का आग्रह कर रहा था। उन्होंने कहा कि हमने खबर सुनी है कि 500 और 1000 की नोट सरकार ने बंद कर दिए हैं और वह बाजार में नहीं चलेंगे। इसलिए हमारे ये रुपए रख लीजिए और हमें खुल्ले रुपए दे दीजिए। भिखारी दंपती के पास इतनी पूंजी देखकर चौंके सरपंच ने दंपती को आश्वस्त किया कि उनकी पूंजी कहीं नहीं जाएगी। पहले खाता खुलवाओ सरपंच ने कहा कि नोट इस तरह से नहीं बदले जाएंगे। पहले बैंक या डाकघर में खाता खुलवाना पड़ेगा, उसके बाद ही नोट बदले जाएंगे। सरपंच के समझाने के बाद भी सीताराम व उसकी पत्नी काफी देर तक नोट बदलने की गुहार लगाते रहे। काफी समझाने के बाद दोनों को उनके घर रवाना कर दिया गया।चूहों ने कुतरे नोट सरपंच ईश्वर सिंह ने बताया कि गांव में यह भिखारी दंपती करीब 35 साल से रह रहे हैं। राजस्थान से सिया में आकर घर-घर व दुकानों पर भीख मांगने का काम करते हैं। दोनों उम्र के अंतिम पड़ाव पर होने के बाद भी नोट की लालसा में है, उनका कोई पुत्र नहीं है। राजस्थान से आकर सिया में बसे और देवास सहित आसपास के ग्रामों में भीख मांगने का काम कर रहे हैं। इनके पास कई नोट 500 के काफी पुराने व मुड़े हुए थे। जिनमें से 19 नोटों को चूहों ने कुतर दिया था। बाकी 98 हजार रुपये सुरक्षित थे। 

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