नईदिल्ली -ग्रामीण इलाके में हर घर को रसोई गैस से जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना के तहत सरकार ने देशभर में नई गैस एजेंसियों का जाल बिछाने का फैसला किया है। अगले दो से तीन वर्षों में देशभर में 10 हजार नई गैस एजेंसियां खोलने का खाका केंद्र सरकार ने तैयार कर लिया है। इनमें से 60-70 फीसद एजेंसियां ग्रामीण इलाकों में खोली जाएंगी। पहली बार देश में इस स्तर पर गैस एजेंसियां खोली जा रही हैं। इसलिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक मंत्रालय इसकी पूरी व्यवस्था कर रहा है कि इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। साथ ही सरकार अन्य निजी कंपनियों को भी एलपीजी वितरण में उतरने के लिए प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है।पेट्रोलियम मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, चालू वर्ष के दौरान ही तकरीबन 3,000 नई गैस एजेंसियां खोली जाएंगी। नई एजेंसियां सरकारी तेल कंपनियों (इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम) के अलावा निजी कंपनियों के जरिये भी खोली जाएंगी। ज्यादातर गैस एजेंसियां ग्रामीण इलाकों में खोली जाएंगी, जो गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले पांच करोड़ परिवारों को कनेक्शन देने के लिए जरूरी है। वैसे पूर्व राजग सरकार के कार्यकाल में ही निजी कंपनियों को गैस वितरण में उतरने की इजाजत दी गई थी। लेकिन किसी प्रमुख निजी कंपनी ने अभी तक इसमें खास रुचि नहीं दिखाई है। सरकार अब इस नीति में संशोधन करना चाहती है कि किस तरह से निजी कंपनियों के लिए एलपीजी वितरण कारोबार को आकर्षक बनाया जाए।जानकारों के मुताबिक, 10 हजार नई गैस एजेंसियों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों में खोले जाएंगे। इन राज्यों में गैस एजेंसियों की संख्या सबसे कम है। सरकार के लिए यह कदम राजनीतिक तौर पर भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि हर गैस एजेंसी तकरीबन सात से दस लोगों को सीधे-सीधे नौकरी देगी। इसके अलावा बड़ी संख्या में गैस सिलेंडर, गैस चूल्हे, पाइप आदि की भी आवश्यकता होगी।
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