देश में नई क्रांति ला सकते हैं स्टार्ट-अप-बनर्जी

 नई दिल्ली |प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को स्टार्ट-अप मूवमेंट शुरू किया जिसका मक़सद उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है.इस नए मूवमेंट में सरकार के लिए क्या चुनौतियां हैं और क्या यह देश को आगे ले जा सकेगा. इस विषय पर संवाददाता दिनेश उप्रेती ने बात की भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के मुख्य निदेशक चंद्रजीत बनर्जी से.स्टार्ट-अप में क्या ख़ास बात है इस पर चंद्रजीत कहते हैं, "यह एक मज़बूत इकोसिस्टम है, जो हमारी पॉलिसी का समर्थन करेगा और इससे देश में नए उद्यमियों के विकास में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री ने छोटे-छोटे उद्योगों को मदद देने के लिए कई नई नीतियों की भी बात की है. उन्होंने एक व्यापक कार्य योजना के बारे में बात की है जो स्टार्ट-अप को नई दिशा दे सकते हैं."देश में स्टार्ट-अप की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है. पिछले साल देश में 500 नए कारोबार शुरू हुए थे और इस साल यह आंकड़ा लगभग 1200 तक पहुंच चुका है.वे कहते हैं, "प्रधानमंत्री के भाषण में स्टार्ट-अप को शुरू कर सकने, और उसे चालू रख सकने पर बहुत सी बातें सुनने को मिलीं. स्टार्ट-अप बिज़नेस में तीन साल तक टैक्स में छूट और अटल इनोवेशन मिशन की और इनंक्यूबेशन सुविधाएं और ट्रेनिंग से बहुत मदद मिलेगी.''वे कहते हैं कि "यदि हम भारत में इसे आगे ले जा सके तो इससे काफ़ी लोगों को रोज़गार मिलेगा और इससे भारत में एक नई क्रांति का आग़ाज़ हो सकता है."इस नए अभियान को ले कर मोदी सरकार के लिए चुनौतियों पर वे कहते हैं, "उद्यमों को बढ़ने के साथ-साथ देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी युवाओं को प्रेरित करने की. यह ज़रूरी है कि परिपक्व आइडिया को आगे ले जाने और उद्यम बंद कर सकने की सुविधा हो. इसी पर निर्भर करेगा कि हमरी अर्थव्यवस्था कैसे आगे बढ़ेगी."प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप के इच्छुक लोगों के लिए 10 हज़ार करोड़ रूपए का एक कोष तैयार करने की घोषणा की है और कहा है कि गुणवत्ता से समझौता किए बग़ैर नए विचारों को अवसर दिए जाएंगे. वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे लाइसेंस राज के लिए आख़िरी क़दम बताया.ऐसे में नए कारोबार शुरू करने के अभियान में क्या बदलाव आएंगे, इस पर चंद्रजीत कहते हैं, "छोटे व्यवसायों में एक बड़ी समस्या होती है नियमों को पालन करने की यानि कि कॉम्प्लायंस की. लेकिन आज के कार्य योजना में सेल्फ़-सर्टिफ़िकेशन का ऐलान इस बोझ को काफ़ी कम कर देगा ताकि उद्यमी व्यव्साय पर ध्यान दें न कि नियमों पर"|

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