कोलंबो। आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) का गढ़ रहे श्रीलंका के तमिल बहुल उत्तरी प्रांत में 25 साल बाद शनिवार को वोट डाले जाएंगे। एलटीटीई के सफाये के चार साल बाद हो रहे इस चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। उत्तर के अलावा मध्य और उत्तर-पश्चिमी प्रांतों में भी प्रांतीय परिषद के चुनाव होंगे। मतदान से ऐन पहले गुरुवार आधी रात को तमिलों की मुख्य पार्टी राष्ट्रीय तमिल गठबंधन (टीएनए) की महिला उम्मीदवार आनंदी शशिधरन के जाफना स्थित घर पर कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला किया। हमले में आनंदी बाल-बाल बचीं, लेकिन नौ लोग घायल हो गए। एक वकील ने आरोप लगाया कि हमला सेना के जवानों ने किया। सेना ने हालांकि इसका खंडन किया है। उत्तरी प्रांत में टीएनए को बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है। स्वतंत्र पर्यवेक्षक रखेंगे नजर-चुनाव पर नजर रखने के लिए भारत समेत कई देशों से पर्यवेक्षक श्रीलंका पहुंचे हैं। भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव समेत पश्चिम एशियाई देशों की 20 सदस्यीय टीम इन चुनावों पर नजर रखेगी। भारत से भेजी गई मतपेटियां-श्रीलंका के किसी चुनाव में पहली बार पारदर्शी मतपेटियों का इस्तेमाल किया जाएगा। ये मतपेटियां भारत से मंगाई गई हैं। श्रीलंका में अब तक लकड़ी से बनी मतपेटियां इस्तेमाल की जाती थीं।
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