
मध्यप्रदेश | चुनावों से ठीक पहले बजट पेश करने में रिकॉर्ड रचने वाले भाजपा नेता की कथित नए और दुर्लभ रिकॉर्ड (22 सीडी) के बाद मंत्रिमंडल से विदाई हो चुकी है। यह सीडी इस बात का भी संकेत है कि इस बार चुनावों में भाजपा-कांग्रेस से ज्यादा कड़ा मुकाबला पार्टी के अंदर ही रहने वाला है। प्रदेश के सत्ताधारी दल भाजपा के नेताओं की चार और नई सीडी बाजार में आने की चर्चा है। इसके अलावा भी कई ऐसी सीडी हैं, जिनकी चर्चा होती रही है, लेकिन हर बार कुछ ठोस निकलकर नहीं आया। लेकिन चुनावी बेला में हर ओर से निशाना बनती सीडी और उसके अदाकार जल्द ही बेनकाब होंगे…
भोपाल । मध्यप्रदेश भाजपा इन दिनों कुकर्म और कामुकता के कालखंड से गुजर रही है। विधानसभा सत्र से पूर्व मप्र के वित्तमंत्री राघवजी की एक सीडी ने राजनीतिक तूफान ला दिया है। यह तूफान थामने के लिए मप्र भाजपा ने विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राकेश चौधरी को अविश्वास प्रस्ताव के मौके पर अपने पाले में लाकर खड़ा जरूर कर दिया लेकिन इससे राजनीतिक तूफान का उपक्रम टूटेगा नहीं। बिच्छू डॉट कॉम की जानकारी के मुताबिक चुनाव से पूर्व अथवा यह कहें कि चुनावी बेला में चार अन्य सीडी आने वाली हैं। इन चार सीडियों के बारे में सांकेतिक तौर पर यह बता देना जरूरी है कि इन सीडी में क्या है।
(एक) ग्वालियर-चंबल संभाग के एक ताकतवर मंत्री की तीन महिलाओं के साथ अलग-अलग सीडी है। जिसमें वे रंगरेलियां मना रहे हैं। ज्ञात रहे कि यह मंत्री बड़े ताकतवर मंत्री हैं। उक्त मंत्री मीडिया हाउसेस से इस सीडी के लिए सौदेबाजी कर रहे हैं। (दो) राघवजी का ही तर्क पर भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी की सीडी भी मार्केट में शीघ्र आने वाली है। इस सीडी में रंगरेलियां मनाते हुए तो नहीं, पर इसमें जिस बच्चे के साथ यह दुष्कर्म किया उसने आत्महत्या कर ली है। उसके परिजन सीडी में आरोप लगाते हुए बताए गए हैं। (तीन) मुख्यमंत्री निवास में पदस्थ एक आला अफसर मुम्बई के पांच सितारा होटल में रशियन लड़कियों के साथ डांस करते हुए और रंगरेलियां मनाते हुए नजर आ रहे हैं। (चार) चौथी सीडी मालवा और निमाड़ के एक पूर्व मंत्री हाथ में शराब का गिलास लिए हुए अपने निजी फार्म हाउस पर बार बालाओं के साथ रंगरेलियां मना रहे हैं। यह सीडी चुनाव निकट आते-आते ही मार्केट में आ जाएगी जिसका जवाब देना भाजपा को बहुत मुश्किल हो जाएगी।
सुचिता संस्कार की दुहाई देने वाली भाजपा में नेताओं के सेक्स से जुडे मामले पहले भी उजागर हुए हैं, लेकिन सरकार के किसी मंत्री की सेक्स सीडी आने का यह प्रदेश का अपनी तरह का पहला मामला है। 79 साल के राघवजी लोकसभा सदस्य रहे, राज्यसभा में भी गए और कई बार के विधायक होने के साथ बीते पौने दस साल से मंत्री थे। भाजपा में उनका बड़ा सम्मान था। यह प्रतिमान एक सीडी से ऐसा टूटा कि पार्टी हिल गई। आनन-फानन में राघवजी का मंत्री पद छिन गया। लेकिन इससे आगे की कार्रवाई पर पार्टी खामोश है। इसी पार्टी ने करीब दो साल पहले मंदसौर के जिलाध्यक्ष कारूलाल सोनी को ऐसी ही सीडी आने के बाद पद से हटाने के साथ तत्काल प्रभाव से पार्टी से भी बाहर कर दिया था। राघवजी मामले में पार्टी स्तर पर चुप्पी पर प्रदेश प्रवक्ता विजयेंद्र सिंह सिसौदिया कहते हैं कि मामले की पुलिस जांच कर रही है। जांच के बाद यदि राघवजी दोषी पाए जाते हैं तो आगे की कार्रवाई पर पार्टी विचार करेगी। सिसौदिया के तर्क अपनी जगह। वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने जो जैसा करेगा वैसा भरेगा कहकर इशारा कर दिया कि राघवजी का पार्टी में आगे क्या हश्र होगा। यहां राघवजी द्वारा खुद को निर्दोष और षड्यंत्र का शिकार होने की दुहाई देना बेमानी हो जाता है। इस घटना ने भाजपा को भीतर तक हिला दिया है। प्रदेश कार्यालय में जुटने वाले नेता कह रहे हैं कि उन्हें पहले से मालूम था कि किसी न किसी दिन यह भांडा फूटेगा। वहीं प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन सहित पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी राघवजी मामले में कुछ भी बोलने से परहेज बरत रहे हैं। पार्टी की मुसीबत यह है कि विधानसभा सत्र से ठीक पहले उजागर हुए इस मामले में सरकार की नाक बचाने के लिए तो राघवजी से मंत्री पद ले लिया गया है।
खुन्नस की सीडी
भाजपा नेता और वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर पटेरिया ने राघवजी की 22 अश्लील सीडी बनाने का दावा कर भाजपा की अंदरूनी राजनीति में भूचाल ला दिया। पटेरिया कभी राघवजी के खास हुआ करते थे, लेकिन किसी बात को लेकर उनकी खुन्नस इस हद तक पहुंच गयी कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता चरित्र हनन का सामान बाजार में मुहैया करा दिया। पटेरिया को तत्काल प्रभाव से भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है, लेकिन सीडी प्रकरण उजागर होने के बाद उनके दावे को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के हाथ में मुद्दा जाने से रोकने के लिए उन्हें आगे किया गया या फिर भाजपा के ही एक धड़े ने उनका इस्तेमाल कर लिया।
कांग्रेस का निशाना शौकीनमिजाजों पर
भाजपा जिस चाल, चरित्र और चेहरे की बात करती है अब यही बात उसके लिए मुसीबत बनती जा रही है। मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने पार्टी के चेहरे पर जो कालिख पोती है उसे आसानी से छुड़ा पाना मुश्किल है। पार्टी विद डिफरेंस का नारा देने वाली भाजपा का चारित्रिक पतन जिस तेजी से हो रहा है यह गंभीर चिंता का विषय है। महिलाओं, बेटियों को रिझाने के लिए इस सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाएं चला रखी हैं, लेकिन राघव सीडी कांड ने भाजपा की मानसिकता और शिव-राज के अभियान दोनों पर ही कालिख पोत दी है। यौन शोषण के गंभीर और शर्मनाक मामले में फंसे भाजपा सरकार के पूर्व वित्तमंत्री राघवजी को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद भाजपा के भीतर आए भूचाल के बीच विपक्ष ने शौकीनबाजों भाजपाइयों को निपटाने का बीड़ा उठा लिया है। 79 साल के वरिष्ठ जनसंघी नेता को लेकर आया यह मामला चुनावी साल में सत्तारूढ भाजपा पर चुनावी बादल फटने जैसी घटना है।
इसी बीच व्यभिचार के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कुछ अन्य मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोलने हुए सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। तो एक मामले में बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन पर लगे गंभीर आरोप फिर ताजा हो गये हैं। चुनावी साल में भाजपा फिलहाल इस भंवर से बाहर निकलने के उपायों को खोजने में लगी हुई है। चूंकि सरकार और संगठन को कोई जवाब नहीं सूझ रहा है। इसलिए अब उसके पास इस झंझावत से बाहर निकलने का एक ही विकल्प दिखाई पड़ रहा है कि वह उस अंग को ही काटकर फेंक दे। यानी राघवजी को पार्टी से हमेशा के लिए बाहर निकाले। यह तो अच्छा हुआ कि भाजपा नेता शिवशंकर पटेरिया ने राघव सीडी मामले की जिम्मेदारी कबूल कर ली, वरना भाजपा इसे षड्यंत्र बताकर बचने का मार्ग तलाश लेती। चाल, चरित्र और चेहरे को चुनावी मुद्दा बनाकर कांग्रेस जनता को अब यह दिखाएगी कि भाजपा में किस हद तक गंदगी है।
हर गंदगी को हल्के में लेने का खामियाजा
अजय विश्नोई, विजय शाह के मामलों पर जवाब
अब भाजपा चाहे लाख डैमेज कंट्रोल करे या फिर दलीलें दें, राघवजी के सीडी स्कैंडल ने आखिरकार उसके चाल, चरित्र और चेहरे की पोल खोलकर रख दी है। भाजपा में मंत्रियों की मानसिकता का यह पहला मामला नहीं है। राघवजी एक्सपोज हुए हैं और पशुपालन मंत्री अजय विश्नोई भी तबादले के बदले एक अफसर की पत्नी की डिमांड मामले में फंसे हुए हैं। जबकि आदिम जाति कल्याण मंत्री रहे विजय शाह तो सीएम की धर्मपत्नी पर अश्लील टिप्पणियों की वजह से पहले ही मंत्री पद गंवा चुके हैं।
दरअसल, भाजपा में सीडी स्कैंडल से जो बवंडर मचा है, वह शीर्ष नेतृत्व की उदासीनता का ही नतीजा माना जा रहा है। जब कभी भी मंत्रियों और नेताओं को लेकर इस किस्म के गंभीर आरोप लगे, पार्टी ने कोई बड़ा फैसला लेने के बजाए बचाव की कोशिश ही की है। ऊपर से तुर्रा यह कि एेसे मामलों में साक्ष्य और सबूत नहीं हैं।
सबसे अहम् सवाल यह है कि सत्ता और संगठन के जिम्मेदार नेता अपने सहयोगियों की कार्यशैली के बारे में या वाकई अनजान हैं? वे यह नहीं जानते हैं कि कौन-सा मंत्री, सांसद, विधायक या पदाधिकारी किस मिजाज का है और भविष्य में उसकी कारस्तानी पार्टी को कितनी भारी पड़ सकती है। जैसे कि राघवजी की अश्लील सीडी की जिमेदारी लेने वाले पार्टी से निलंबित किए गए शिवशंकर पटेरिया का यह चौंकाने वाला खुलासा कि अभी भाजपा में और भी कई राघवजी हैं, तब या पार्टी अब भी आख्ंों मूंदे एेसे नेताओं को जानबूझकर कैरेक्टर सर्टिफिकेट देती रहेगी। भाजपा के अंदरााने की मानें तो राघवजी के मामले में यदि पार्टी पहले ही सतर्कता बरत लेती, तो शायद नौबत यहां तक नहीं आती। सीडी स्कैंडल में बैकफुट पर आई भाजपा शायद अब भी वही करती, जैसे कि वह आदतन करती आई है कि यह कांग्रेस या किसी की राजनैतिक साजिश है, लेकिन जब पार्टी के ही एक नेता पटेरिया ने यह कहकर इस सीडी का खुलासा कर दिया कि उन्होंने पार्टी से गंदगी दूर करने के लिए एेसा किया है, तब यह सवाल उठना लाजिमी है कि या अब भी भाजपा इस तरह का कोई सफाई अभियान चलाएगी या फिर राघवजी की भांति और किसी बवंडर का इंतजार करती रहेगी। यह भी कितनी अजीब बात है कि केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश नेतृत्व तक हर मौके पर शुचिता और नैतिकता की दुहाई देते नहीं थकता है, फिर भी अंदर फैली गंदगी से वह जानबूझकर आंखें फेर लेता है।
अजय ने दी थी चेतावनी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा सत्र में चेतावनी दी थी कि उनके मंत्री और आसपास रहने वाले नेताओं से वे सावधान रहें।
बयान मेडिकल और सीडी
राघवजी मामले में पल-पल बदल रहे घटनाक्रम को लेकर पुलिस भी पसोपेश में है। इस पूरे मामले में पुलिस के पास विवेचना के तीन बिंदु हैं। इनमें यौनशोषण के मामले में शिकायत करने वाले युवक का बयान, उसकी मेडिकल रिपोर्ट और सीडी बनाने का दावा करने वाले भाजपा से निष्कासित शिवशंकर पटेरिया द्वारा पुलिस को अधिकृत रूप से सीडी उपलब्ध कराया जाना है, ताकि जांच से उक्त सीडी की वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके। विदिशा निवासी उक्त युवक द्वारा शुक्रवार को हबीबगंज थाने में आवेदन देकर पूर्व वित्त मंत्री राघवजी पर यौन उत्पीडऩ के गंभीर अरोप लगाने के बाद से यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर गर्माया हुआ है। इधर निष्कासित भाजपा नेता शिवशंकर पटेरिया द्वारा यौन उत्पीडऩ की सीडी बनाने के लिए दावे के बाद से मामला और तूल पकड गया है। पुलिस ने अपने स्तर पर सीडी तो प्राप्त कर ली है लेकिन वह जांच में तभी ली जायेगी जब औपचारिक रूप से सीडी पुलिस को मिले।
भला हो सत्र और कांग्रेस का
राजनीतिक गलियारों में इस पूरे मामले में त्वरित कार्यवाही के लिए विधानसभा के मानसून सत्र और कांग्रेस को क्रेडिट दी जा रही है। यदि सत्र और आक्रामक कांग्रेस की चिंता नहीं होती, तो शायद यह मामला भी पुराने कुछ मामलों की तरह दफन होकर रह जाता। वैसे भी राघवजी के एक्सपोज हो जाने के बाद भी कांग्रेस पर सियासी हमले तेज कर ही दिए गए थे, मगर हकीकत सामने आते ही जुबानी वार करने वाली भाजपा पलटवार लायक भी नहीं बची। अब चाहे सरकार राघवजी का मंत्रिपद छिन लेने और भाजपा उन्हें पार्टी से बाहर कर देने तथा पुलिस में एफआईआर दर्ज हो जाने पर अपनी कथित निष्पक्षता का ढिंढौरा पिटे, लेकिन इस प्रकरण से दागदार हुई उसकी छवि को चमका पाना तो मुश्किल ही है।
भोपाल । मध्यप्रदेश भाजपा इन दिनों कुकर्म और कामुकता के कालखंड से गुजर रही है। विधानसभा सत्र से पूर्व मप्र के वित्तमंत्री राघवजी की एक सीडी ने राजनीतिक तूफान ला दिया है। यह तूफान थामने के लिए मप्र भाजपा ने विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राकेश चौधरी को अविश्वास प्रस्ताव के मौके पर अपने पाले में लाकर खड़ा जरूर कर दिया लेकिन इससे राजनीतिक तूफान का उपक्रम टूटेगा नहीं। बिच्छू डॉट कॉम की जानकारी के मुताबिक चुनाव से पूर्व अथवा यह कहें कि चुनावी बेला में चार अन्य सीडी आने वाली हैं। इन चार सीडियों के बारे में सांकेतिक तौर पर यह बता देना जरूरी है कि इन सीडी में क्या है।
(एक) ग्वालियर-चंबल संभाग के एक ताकतवर मंत्री की तीन महिलाओं के साथ अलग-अलग सीडी है। जिसमें वे रंगरेलियां मना रहे हैं। ज्ञात रहे कि यह मंत्री बड़े ताकतवर मंत्री हैं। उक्त मंत्री मीडिया हाउसेस से इस सीडी के लिए सौदेबाजी कर रहे हैं। (दो) राघवजी का ही तर्क पर भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी की सीडी भी मार्केट में शीघ्र आने वाली है। इस सीडी में रंगरेलियां मनाते हुए तो नहीं, पर इसमें जिस बच्चे के साथ यह दुष्कर्म किया उसने आत्महत्या कर ली है। उसके परिजन सीडी में आरोप लगाते हुए बताए गए हैं। (तीन) मुख्यमंत्री निवास में पदस्थ एक आला अफसर मुम्बई के पांच सितारा होटल में रशियन लड़कियों के साथ डांस करते हुए और रंगरेलियां मनाते हुए नजर आ रहे हैं। (चार) चौथी सीडी मालवा और निमाड़ के एक पूर्व मंत्री हाथ में शराब का गिलास लिए हुए अपने निजी फार्म हाउस पर बार बालाओं के साथ रंगरेलियां मना रहे हैं। यह सीडी चुनाव निकट आते-आते ही मार्केट में आ जाएगी जिसका जवाब देना भाजपा को बहुत मुश्किल हो जाएगी।
सुचिता संस्कार की दुहाई देने वाली भाजपा में नेताओं के सेक्स से जुडे मामले पहले भी उजागर हुए हैं, लेकिन सरकार के किसी मंत्री की सेक्स सीडी आने का यह प्रदेश का अपनी तरह का पहला मामला है। 79 साल के राघवजी लोकसभा सदस्य रहे, राज्यसभा में भी गए और कई बार के विधायक होने के साथ बीते पौने दस साल से मंत्री थे। भाजपा में उनका बड़ा सम्मान था। यह प्रतिमान एक सीडी से ऐसा टूटा कि पार्टी हिल गई। आनन-फानन में राघवजी का मंत्री पद छिन गया। लेकिन इससे आगे की कार्रवाई पर पार्टी खामोश है। इसी पार्टी ने करीब दो साल पहले मंदसौर के जिलाध्यक्ष कारूलाल सोनी को ऐसी ही सीडी आने के बाद पद से हटाने के साथ तत्काल प्रभाव से पार्टी से भी बाहर कर दिया था। राघवजी मामले में पार्टी स्तर पर चुप्पी पर प्रदेश प्रवक्ता विजयेंद्र सिंह सिसौदिया कहते हैं कि मामले की पुलिस जांच कर रही है। जांच के बाद यदि राघवजी दोषी पाए जाते हैं तो आगे की कार्रवाई पर पार्टी विचार करेगी। सिसौदिया के तर्क अपनी जगह। वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा ने जो जैसा करेगा वैसा भरेगा कहकर इशारा कर दिया कि राघवजी का पार्टी में आगे क्या हश्र होगा। यहां राघवजी द्वारा खुद को निर्दोष और षड्यंत्र का शिकार होने की दुहाई देना बेमानी हो जाता है। इस घटना ने भाजपा को भीतर तक हिला दिया है। प्रदेश कार्यालय में जुटने वाले नेता कह रहे हैं कि उन्हें पहले से मालूम था कि किसी न किसी दिन यह भांडा फूटेगा। वहीं प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन सहित पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी राघवजी मामले में कुछ भी बोलने से परहेज बरत रहे हैं। पार्टी की मुसीबत यह है कि विधानसभा सत्र से ठीक पहले उजागर हुए इस मामले में सरकार की नाक बचाने के लिए तो राघवजी से मंत्री पद ले लिया गया है।
खुन्नस की सीडी
भाजपा नेता और वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर पटेरिया ने राघवजी की 22 अश्लील सीडी बनाने का दावा कर भाजपा की अंदरूनी राजनीति में भूचाल ला दिया। पटेरिया कभी राघवजी के खास हुआ करते थे, लेकिन किसी बात को लेकर उनकी खुन्नस इस हद तक पहुंच गयी कि उन्होंने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता चरित्र हनन का सामान बाजार में मुहैया करा दिया। पटेरिया को तत्काल प्रभाव से भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है, लेकिन सीडी प्रकरण उजागर होने के बाद उनके दावे को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस के हाथ में मुद्दा जाने से रोकने के लिए उन्हें आगे किया गया या फिर भाजपा के ही एक धड़े ने उनका इस्तेमाल कर लिया।
कांग्रेस का निशाना शौकीनमिजाजों पर
भाजपा जिस चाल, चरित्र और चेहरे की बात करती है अब यही बात उसके लिए मुसीबत बनती जा रही है। मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने पार्टी के चेहरे पर जो कालिख पोती है उसे आसानी से छुड़ा पाना मुश्किल है। पार्टी विद डिफरेंस का नारा देने वाली भाजपा का चारित्रिक पतन जिस तेजी से हो रहा है यह गंभीर चिंता का विषय है। महिलाओं, बेटियों को रिझाने के लिए इस सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाएं चला रखी हैं, लेकिन राघव सीडी कांड ने भाजपा की मानसिकता और शिव-राज के अभियान दोनों पर ही कालिख पोत दी है। यौन शोषण के गंभीर और शर्मनाक मामले में फंसे भाजपा सरकार के पूर्व वित्तमंत्री राघवजी को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद भाजपा के भीतर आए भूचाल के बीच विपक्ष ने शौकीनबाजों भाजपाइयों को निपटाने का बीड़ा उठा लिया है। 79 साल के वरिष्ठ जनसंघी नेता को लेकर आया यह मामला चुनावी साल में सत्तारूढ भाजपा पर चुनावी बादल फटने जैसी घटना है।
इसी बीच व्यभिचार के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कुछ अन्य मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोलने हुए सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। तो एक मामले में बीजेपी के प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन पर लगे गंभीर आरोप फिर ताजा हो गये हैं। चुनावी साल में भाजपा फिलहाल इस भंवर से बाहर निकलने के उपायों को खोजने में लगी हुई है। चूंकि सरकार और संगठन को कोई जवाब नहीं सूझ रहा है। इसलिए अब उसके पास इस झंझावत से बाहर निकलने का एक ही विकल्प दिखाई पड़ रहा है कि वह उस अंग को ही काटकर फेंक दे। यानी राघवजी को पार्टी से हमेशा के लिए बाहर निकाले। यह तो अच्छा हुआ कि भाजपा नेता शिवशंकर पटेरिया ने राघव सीडी मामले की जिम्मेदारी कबूल कर ली, वरना भाजपा इसे षड्यंत्र बताकर बचने का मार्ग तलाश लेती। चाल, चरित्र और चेहरे को चुनावी मुद्दा बनाकर कांग्रेस जनता को अब यह दिखाएगी कि भाजपा में किस हद तक गंदगी है।
हर गंदगी को हल्के में लेने का खामियाजा
अजय विश्नोई, विजय शाह के मामलों पर जवाब
अब भाजपा चाहे लाख डैमेज कंट्रोल करे या फिर दलीलें दें, राघवजी के सीडी स्कैंडल ने आखिरकार उसके चाल, चरित्र और चेहरे की पोल खोलकर रख दी है। भाजपा में मंत्रियों की मानसिकता का यह पहला मामला नहीं है। राघवजी एक्सपोज हुए हैं और पशुपालन मंत्री अजय विश्नोई भी तबादले के बदले एक अफसर की पत्नी की डिमांड मामले में फंसे हुए हैं। जबकि आदिम जाति कल्याण मंत्री रहे विजय शाह तो सीएम की धर्मपत्नी पर अश्लील टिप्पणियों की वजह से पहले ही मंत्री पद गंवा चुके हैं।
दरअसल, भाजपा में सीडी स्कैंडल से जो बवंडर मचा है, वह शीर्ष नेतृत्व की उदासीनता का ही नतीजा माना जा रहा है। जब कभी भी मंत्रियों और नेताओं को लेकर इस किस्म के गंभीर आरोप लगे, पार्टी ने कोई बड़ा फैसला लेने के बजाए बचाव की कोशिश ही की है। ऊपर से तुर्रा यह कि एेसे मामलों में साक्ष्य और सबूत नहीं हैं।
सबसे अहम् सवाल यह है कि सत्ता और संगठन के जिम्मेदार नेता अपने सहयोगियों की कार्यशैली के बारे में या वाकई अनजान हैं? वे यह नहीं जानते हैं कि कौन-सा मंत्री, सांसद, विधायक या पदाधिकारी किस मिजाज का है और भविष्य में उसकी कारस्तानी पार्टी को कितनी भारी पड़ सकती है। जैसे कि राघवजी की अश्लील सीडी की जिमेदारी लेने वाले पार्टी से निलंबित किए गए शिवशंकर पटेरिया का यह चौंकाने वाला खुलासा कि अभी भाजपा में और भी कई राघवजी हैं, तब या पार्टी अब भी आख्ंों मूंदे एेसे नेताओं को जानबूझकर कैरेक्टर सर्टिफिकेट देती रहेगी। भाजपा के अंदरााने की मानें तो राघवजी के मामले में यदि पार्टी पहले ही सतर्कता बरत लेती, तो शायद नौबत यहां तक नहीं आती। सीडी स्कैंडल में बैकफुट पर आई भाजपा शायद अब भी वही करती, जैसे कि वह आदतन करती आई है कि यह कांग्रेस या किसी की राजनैतिक साजिश है, लेकिन जब पार्टी के ही एक नेता पटेरिया ने यह कहकर इस सीडी का खुलासा कर दिया कि उन्होंने पार्टी से गंदगी दूर करने के लिए एेसा किया है, तब यह सवाल उठना लाजिमी है कि या अब भी भाजपा इस तरह का कोई सफाई अभियान चलाएगी या फिर राघवजी की भांति और किसी बवंडर का इंतजार करती रहेगी। यह भी कितनी अजीब बात है कि केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश नेतृत्व तक हर मौके पर शुचिता और नैतिकता की दुहाई देते नहीं थकता है, फिर भी अंदर फैली गंदगी से वह जानबूझकर आंखें फेर लेता है।
अजय ने दी थी चेतावनी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा सत्र में चेतावनी दी थी कि उनके मंत्री और आसपास रहने वाले नेताओं से वे सावधान रहें।
बयान मेडिकल और सीडी
राघवजी मामले में पल-पल बदल रहे घटनाक्रम को लेकर पुलिस भी पसोपेश में है। इस पूरे मामले में पुलिस के पास विवेचना के तीन बिंदु हैं। इनमें यौनशोषण के मामले में शिकायत करने वाले युवक का बयान, उसकी मेडिकल रिपोर्ट और सीडी बनाने का दावा करने वाले भाजपा से निष्कासित शिवशंकर पटेरिया द्वारा पुलिस को अधिकृत रूप से सीडी उपलब्ध कराया जाना है, ताकि जांच से उक्त सीडी की वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके। विदिशा निवासी उक्त युवक द्वारा शुक्रवार को हबीबगंज थाने में आवेदन देकर पूर्व वित्त मंत्री राघवजी पर यौन उत्पीडऩ के गंभीर अरोप लगाने के बाद से यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर गर्माया हुआ है। इधर निष्कासित भाजपा नेता शिवशंकर पटेरिया द्वारा यौन उत्पीडऩ की सीडी बनाने के लिए दावे के बाद से मामला और तूल पकड गया है। पुलिस ने अपने स्तर पर सीडी तो प्राप्त कर ली है लेकिन वह जांच में तभी ली जायेगी जब औपचारिक रूप से सीडी पुलिस को मिले।
भला हो सत्र और कांग्रेस का
राजनीतिक गलियारों में इस पूरे मामले में त्वरित कार्यवाही के लिए विधानसभा के मानसून सत्र और कांग्रेस को क्रेडिट दी जा रही है। यदि सत्र और आक्रामक कांग्रेस की चिंता नहीं होती, तो शायद यह मामला भी पुराने कुछ मामलों की तरह दफन होकर रह जाता। वैसे भी राघवजी के एक्सपोज हो जाने के बाद भी कांग्रेस पर सियासी हमले तेज कर ही दिए गए थे, मगर हकीकत सामने आते ही जुबानी वार करने वाली भाजपा पलटवार लायक भी नहीं बची। अब चाहे सरकार राघवजी का मंत्रिपद छिन लेने और भाजपा उन्हें पार्टी से बाहर कर देने तथा पुलिस में एफआईआर दर्ज हो जाने पर अपनी कथित निष्पक्षता का ढिंढौरा पिटे, लेकिन इस प्रकरण से दागदार हुई उसकी छवि को चमका पाना तो मुश्किल ही है।
टोटल रीकॉल
बाबूलाल गौर
प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर का नाम भी महिलाओं से जोड़ा गया था। उस समय उनके खिलाफ एक महिला बीजेपी आफिस के सामने धरने पर बैठ गई थी। उसने दिल्ली तक जाकर यह मामला उठाया था। गौर पर आरोप प्रमाणित नहीं हुए थे।
संजय जोशी
भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संजय जोशी की अश्लील सीडी 2006 में सामने आई थी। इस सीडी के तार मध्यप्रदेश से ही जुड़े थे और प्रदेश की पुलिस ने जांच में इस सीडी को फर्जी करार दिया था, लेकिन इसकी आंच में जोशी को पद गंवाना पड़ा था। बाद में पार्टी में लौटे जरूर, लेकिन अब भी उबर नहीं पाए हैं।
कारूलाल सोनी
भाजपा के मंदसौर जिलाध्यक्ष कारूलाल सोनी की एक सेक्स सीडी सार्वजनिक होने के तुरंत बाद तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा ने उन्हें पद से हटा दिया था।
महेन्द्र सिंह पवार
भाजपा से नजदीकी रखने वाले संघ के एक पूर्व पदाधिकारी महेन्द्र सिंह पवार की अश्लील सीडी भी दो साल पहले जारी की गयी थी इस मामले में भाजपा और संघ ने चुप्पी साधे रखी थी।
अजय विश्नोई
निलंबित पशु चिकित्सक डॉ. एसएमएच जैदी ने पशुपालन मंत्री अजय विश्रोई के पीए पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी पत्नी को मंत्री के पास भेजने को कहा। डॉ. जैदी का आरोप है कि इसकी शिकायत जब उन्होंने की तो जवाब मिला कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है।
मनीराम धाकड़
मुरैना जिले की जौरा विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक मनीराम धाकड़ का अश्लील एमएमएस हाल ही में काफी चर्चाओं में रहा। इसमें वे एक महिला के साथ अंतरंग संबंधों में दिखाए गये थे। बसपा का प्रदेश नेतृत्व इस मामले में खामोश रहा। (इरफान जाफरी)
बाबूलाल गौर
प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर का नाम भी महिलाओं से जोड़ा गया था। उस समय उनके खिलाफ एक महिला बीजेपी आफिस के सामने धरने पर बैठ गई थी। उसने दिल्ली तक जाकर यह मामला उठाया था। गौर पर आरोप प्रमाणित नहीं हुए थे।
संजय जोशी
भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संजय जोशी की अश्लील सीडी 2006 में सामने आई थी। इस सीडी के तार मध्यप्रदेश से ही जुड़े थे और प्रदेश की पुलिस ने जांच में इस सीडी को फर्जी करार दिया था, लेकिन इसकी आंच में जोशी को पद गंवाना पड़ा था। बाद में पार्टी में लौटे जरूर, लेकिन अब भी उबर नहीं पाए हैं।
कारूलाल सोनी
भाजपा के मंदसौर जिलाध्यक्ष कारूलाल सोनी की एक सेक्स सीडी सार्वजनिक होने के तुरंत बाद तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा ने उन्हें पद से हटा दिया था।
महेन्द्र सिंह पवार
भाजपा से नजदीकी रखने वाले संघ के एक पूर्व पदाधिकारी महेन्द्र सिंह पवार की अश्लील सीडी भी दो साल पहले जारी की गयी थी इस मामले में भाजपा और संघ ने चुप्पी साधे रखी थी।
अजय विश्नोई
निलंबित पशु चिकित्सक डॉ. एसएमएच जैदी ने पशुपालन मंत्री अजय विश्रोई के पीए पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनकी पत्नी को मंत्री के पास भेजने को कहा। डॉ. जैदी का आरोप है कि इसकी शिकायत जब उन्होंने की तो जवाब मिला कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है।
मनीराम धाकड़
मुरैना जिले की जौरा विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक मनीराम धाकड़ का अश्लील एमएमएस हाल ही में काफी चर्चाओं में रहा। इसमें वे एक महिला के साथ अंतरंग संबंधों में दिखाए गये थे। बसपा का प्रदेश नेतृत्व इस मामले में खामोश रहा। (इरफान जाफरी)
No comments:
Post a Comment