नईदिल्ली | आखिरकार, कैबिनेट ने रियल एस्टेट रेगुलेटर (Real Estate Regulator) बिल को मंजूरी दे दी।इस बिल को मंजूरी मिलने से रियल एस्टेट क्षेत्र में चल रही मनमानी पर कुछ हद तक अंकुश लग सकेगा। बिल के मुताबिक बिल्डर को अपनी सभी परियोजनाएँ स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (State Regulatory Authority) से पंजीकृत करवाना अवश्यक होगा। ग्राहकों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर भी लगाम कसी जा सकेगी। रियल एस्टेट रेगुलेटर बिल के मुताबिक मुताबिक बिल्डर को कुल डिपॉजिट की 70% रकम अलग बैंक खाते में रखनी होगी और इस रकम का इस्तेमाल संबंधित परियोजना में ही करना होगा। बिल्डर सभी मंजूरियों के मिलने के बाद ही अपनी परियोजनाओं का शुभारंभ कर सकता है, जिसे तय सीमा के भीतर ही पूरा करना अनिवार्य होगा। इन नियमों का पालन नहीं करने पर बिल्डर को तीन वर्ष से अधिक तक की जेल हो सकती है। रियल एस्टेट रेगुलेटर बिल को मिली मंजूरी
नईदिल्ली | आखिरकार, कैबिनेट ने रियल एस्टेट रेगुलेटर (Real Estate Regulator) बिल को मंजूरी दे दी।इस बिल को मंजूरी मिलने से रियल एस्टेट क्षेत्र में चल रही मनमानी पर कुछ हद तक अंकुश लग सकेगा। बिल के मुताबिक बिल्डर को अपनी सभी परियोजनाएँ स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (State Regulatory Authority) से पंजीकृत करवाना अवश्यक होगा। ग्राहकों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर भी लगाम कसी जा सकेगी। रियल एस्टेट रेगुलेटर बिल के मुताबिक मुताबिक बिल्डर को कुल डिपॉजिट की 70% रकम अलग बैंक खाते में रखनी होगी और इस रकम का इस्तेमाल संबंधित परियोजना में ही करना होगा। बिल्डर सभी मंजूरियों के मिलने के बाद ही अपनी परियोजनाओं का शुभारंभ कर सकता है, जिसे तय सीमा के भीतर ही पूरा करना अनिवार्य होगा। इन नियमों का पालन नहीं करने पर बिल्डर को तीन वर्ष से अधिक तक की जेल हो सकती है।
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