बीजिंग। चीन के शानडांग प्रांत में अपने घर में नजरबंदी से भागकर पिछले साल नाटकीय अंदाज में यहां अमेरिकी दूतावास पहुंच गए चीन के असंतुष्ट नेत्रहीन चेन गुआंगचेंग ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उस यूनिवर्सिटी के शोध छात्र चेन ने आरोप लगाया है कि चीन के लगातार दबाव के कारण यूनिवर्सिटी ने उनका फेलोशिप समाप्त कर दिया है जिससे वह परिवार सहित फंस गया है। चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन और जबरन गर्भपात कराने जैसे मुद्दों को उठाने के कारण चेन को नजरबंद कर दिया गया था। अमेरिकी दूतावास पहुंचने के बाद चीन और अमेरिका के बीच कूटनीतिक वार्ता के बाद चेन को अमेरिका जाने की इजाजत दी गई थी। 41 वर्षीय वकील कार्यकर्ता ने एक बयान में कहा है कि यह विश्वविद्यालय शंघाई में अपना परिसर खोल रहा है इस वजह से चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दबाव में घुटने टेक रहा है। पिछले अगस्त और सितंबर से भी पहले से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इतना ज्यादा दबाव बनाया ताकि हम उसके बाद अमेरिका में तीन से चार माह ही रह सकें । विश्वविद्यालय ने हमारी वापसी के बारे में पहले से ही हमसे चर्चा करनी शुरू कर दी थी। द साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट दैनिक ने चेन का यह बयान प्रकाशित किया है। मैं दुष्टों या झूठों के समक्ष कभी अपना सिर नहीं झुकाऊंगा। मैं हमेशा वह हर काम करूंगा जो मैं अपने देशवासियों के लिए कर सकता हूं जो अब भी आजाद नहीं हैं। न्यूयार्क यूनिवर्सिटी छोड़ने के बाद भी चेन को न्यूयार्क शहर नहीं छोड़ना पड़ेगा। बचपन से दृष्टिहीन चेन न्यूयार्क शहर में ही स्थित फोर्डहम यूनिवर्सिटी ला स्कूल का प्रमुख हो सकता है। इसके प्रवक्ता के अनुसार इस बारे में बातचीत अभी चल रही है।

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