इस्लामाबाद : सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी ने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के सामने देशभर में तेजी से बिगड़ रही कानून व्यवस्था को लेकर सेना की चिंताएं जाहिर की हैं। कयानी ने साथ ही वर्तमान स्थिति से निबटने के लिए तत्काल कदम उठाये जाने की मांग की।कयानी ने गुरुवार को सेना के कोर कमांडरों की बैठक के दौरान जरदारी को सेना की चिंताओं के बारे में बताया। जरदारी ने इस बैठक की अध्यक्षता की थी।बैठक के दौरान सेना के शीर्ष अधिकारियों ने क्वेटा और कराची में शियाओं पर हुए आतंकी हमलों के बीच आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इन हमलों में करीब 250 लोग मारे गये थे।डान’ अखबार ने सूत्रों के हवाले से कहा कि कयानी ने जरदारी से मुलाकात करके उन्हें नियंत्रण से बाहर जा रही सुरक्षा स्थिति को लेकर अपने कमांडरों की चिंताओं के बारे में बताया।उन्होंने ‘तेजी से बिगड़ती’ स्थिति को लेकर चिंताएं व्यक्त कीं और इस मुद्दे से निबटने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की।राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी संक्षिप्त बयान में सिर्फ इतना कहा गया कि कयानी और जरदारी ने सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की। हालांकि बयान में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई।पाकिस्तान के कई अखबारों में छपी खबरों में कहा गया कि सेना प्रमुख ने बैठक में जरदारी के समक्ष कराची में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर अपने कमांडरों की चिंताएं जाहिर कीं। बुधवार को कयानी ने कराची का दौरा करके शहर की स्थिति का जायजा लिया था। यह शहर अल्पसंख्यक शियाओं पर जातीय हमलों का गवाह बना है।मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि जरदारी के साथ बैठक के दौरान कयानी ने क्वेटा और कराची में शियाओं पर हाल में हुए हमलों और ज्यादातर हमलों की जिम्मेदारी लेने वाले प्रतिबंधित संगठन लश्कर ए झांगवी के खिलाफ अभियान पर चर्चा की
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