लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने तालिबान की ओर से जान से मारने की धमकी मिलने के बावजूद 2010 में पंजाब प्रांत के एक सूफी दरगाह हजरत साकी सरवार पर हुए आतंकवादी हमले के सरगना को मौत की सजा सुनाई। इस हमले में 52 लोग मारे गए थे। डेरा गाजी खान जिले की एक आतंकवाद निरोधी अदालत के जज आसिफ मजीद ने बेहराम खान उर्फ सूफी बाबा को कल 52 मौत की सजा सुनाई। हमले में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के लिए सूफी बाबा को एक मौत की सजा सुनाई गई है। सूफी बाबा को अप्रैल 2010 में हजरत साकी सरवार दरगाह पर हमला करने का दोषी करार दिया गया। पाकिस्तान में फिदायीन को '52 मौत' की सजा
लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने तालिबान की ओर से जान से मारने की धमकी मिलने के बावजूद 2010 में पंजाब प्रांत के एक सूफी दरगाह हजरत साकी सरवार पर हुए आतंकवादी हमले के सरगना को मौत की सजा सुनाई। इस हमले में 52 लोग मारे गए थे। डेरा गाजी खान जिले की एक आतंकवाद निरोधी अदालत के जज आसिफ मजीद ने बेहराम खान उर्फ सूफी बाबा को कल 52 मौत की सजा सुनाई। हमले में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के लिए सूफी बाबा को एक मौत की सजा सुनाई गई है। सूफी बाबा को अप्रैल 2010 में हजरत साकी सरवार दरगाह पर हमला करने का दोषी करार दिया गया।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment