लाहौर। पाकिस्तान में एक ईशनिंदक की तलाश में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के घरों में पथराव व आगजनी करने के आरोप में करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस के अनुसार पीड़ितों के बयानों और वीडियो फुटेज से पहचान में आए 150 लोग पकड़े गए हैं।' गौरतलब है कि शुक्रवार और शनिवार को शफीक अहमद के नेतृत्व में हजारों कट्टरपंथियों ने नूर रोड स्थित जोसेफ कालोनी में जमकर उपद्रव मचाया था। कालोनी में करीब डेढ़ सौ ईसाई परिवार रहते हैं। अहमद के मुताबिक वे कथित तौर पर ईशनिंदा के आरोपी सावन मसीह उर्फ बब्बी को पकड़ने गए थे। सावन को घर में नहीं पाकर भीड़ ने उनके पिता चमन मसीह को बंधक बना लिया था और उनके साथ मारपीट की थी। बाद में उनके घर को आग लगा दी गई थी। हिंसा और आगजनी शनिवार की शाम तब थमी जब पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने के बाद सावन को गिरफ्तार कर लिया। सावन को किसी सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है।अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे पाकिस्तान सरकार इस्लामाबाद। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वाच [एचआरडब्ल्यू] ने कहा है कि अल्पसंख्यकों के मामले में पाकिस्तान का रिकॉर्ड ठीक नहीं है। उसका कहना है कि पाकिस्तान सरकार को उन इस्लामी आंतकी संगठनों और अन्य लोगों के प्रति शीघ्र कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं।लाहौर में ईसाई कालोनी पर हमले में 150 गिरफ्तार
लाहौर। पाकिस्तान में एक ईशनिंदक की तलाश में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के घरों में पथराव व आगजनी करने के आरोप में करीब 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस के अनुसार पीड़ितों के बयानों और वीडियो फुटेज से पहचान में आए 150 लोग पकड़े गए हैं।' गौरतलब है कि शुक्रवार और शनिवार को शफीक अहमद के नेतृत्व में हजारों कट्टरपंथियों ने नूर रोड स्थित जोसेफ कालोनी में जमकर उपद्रव मचाया था। कालोनी में करीब डेढ़ सौ ईसाई परिवार रहते हैं। अहमद के मुताबिक वे कथित तौर पर ईशनिंदा के आरोपी सावन मसीह उर्फ बब्बी को पकड़ने गए थे। सावन को घर में नहीं पाकर भीड़ ने उनके पिता चमन मसीह को बंधक बना लिया था और उनके साथ मारपीट की थी। बाद में उनके घर को आग लगा दी गई थी। हिंसा और आगजनी शनिवार की शाम तब थमी जब पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने के बाद सावन को गिरफ्तार कर लिया। सावन को किसी सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है।अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करे पाकिस्तान सरकार इस्लामाबाद। मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वाच [एचआरडब्ल्यू] ने कहा है कि अल्पसंख्यकों के मामले में पाकिस्तान का रिकॉर्ड ठीक नहीं है। उसका कहना है कि पाकिस्तान सरकार को उन इस्लामी आंतकी संगठनों और अन्य लोगों के प्रति शीघ्र कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं।
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