उज्जैन (wni) भारत के सांस्कृतिक वैभव की पुनर्स्थापना का लाभ न केवल भारत को अपितु पूरे विश्व एवं समूची मानवता को मिलेगा। उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ की स्थापना इसी की कड़ी है। यह काल के कपाल पर कालातीत अस्तित्व का शिलालेख है। उज्जैन आज भारत की सांस्कृतिक अमरता की घोषणा और नये कालखण्ड का उद्घोष कर रहा है। हमारे लिये धर्म का अर्थ कर्तव्यों का सामूहिक संकल्प, विश्व का कल्याण एवं मानव मात्र की सेवा है। हमने आजादी के पहले जो खोया था, उसकी आज पुनर्स्थापना हो रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण के बाद जन सभा को सम्बोधित करते हुये कहा। श्री मोदी ने इसके पूर्व मंदिर के गर्भगृह में बाबा का पूजन कर ध्यान किया वही महाकाल लोक का लोकार्पण करने के बाद क्षेत्र का अवलोकन किया इस समय मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल श्री मोदी के साथ जीप में सवार थे।मुख्यमंत्री श्री सिंह ने भी उपस्थित भक्तजनों को संबोधित कर महाकाल लोक के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी। प्रसिद्ध भजन गायक कैलाश खैर ने सुमधुर शिवस्तुति प्रस्तुत की। समूचा वातावरण शिव भक्ति से ओतप्रोत हो गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से न केवल मध्य प्रदेश के 52 जिले, बल्कि पूरे भारत सहित 40 से अधिक देश इस अदभुत समारोह के साक्षी बने।लोकार्पण समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, उत्तराखण्ड के राज्यपाल रमेश बैस, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उईके, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार खटिक, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद पटेल सहित मध्यप्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह, प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, डॉ.मोहन यादव, उषा ठाकुर, महापौर मुकेश टटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, वीडी शर्मा एवं सांसदगण, विधायकगण, जनप्रतिनिधि, बड़ी संख्या में साधु-सन्त, श्रद्धालु और गणमान्य नागरिक एवं विशाल जन-समुदाय उपस्थित था। धर्मेन्द्र वेबन्यूज उज्जैन।
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